बोले जगद्गगुरु : विश्व पटल पर मचे उथल पुथल में समय चक्र का प्रभाव


बलिया: गड़वार क्षेत्र के श्री जंगली बाबा धाम पर चल रहे महारुद्र यज्ञ के अवसर पर पधारे काशी सुमेरूपीठ के शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानन्द सरस्वती ने कहा है कि विश्व पटल पर उथल पुथल और अशांति का वातावरण उत्पन्न हो रहा है उसमें समय चक्र का भी प्रभाव है। कहा कि भारत वर्ष अनादि काल से ऋषियों व संत महात्माओं की भूमि रही है। भारत भूमि यज्ञ भूमि थी जहांं के ऋषि मुनि अपने साधना तपस्या के बल पर असम्भव कार्य को भी सम्भव किए। कहा कि देवताओं के अधीन विश्व ब्रह्मांड की सृष्टि है और वेद की ऋचाएं उनको प्रसन्न करने के लिए रिमोट कंट्रोल है। ज्ञान,वैराग्य रूपी नेत्रों से देवता का दर्शन हो सकता है। जिस भक्त का अंतःकरण शुद्ध होता है उसे ब्रहम का साक्षात्कार होता है।कहा कि गीता व मानस के निरंतर स्वाध्याय से भारत कभी भी गुलाम नहीं हो सकता है। इससे पूर्व स्वामी श्री परमेश्वरानन्द सरस्वती(उड़िया बाबा) सहित पंडाल में मौजूद सभी संत जन व भक्तों ने शंकराचार्य को माला पहनाकर आशीर्वाद लिया।इस मौके पर नाल बाबा, चमचम बाबा,सियाराम रसिक,सत्यनारायण दास,रामेश्वर दास,सौरभ कुमार,घनश्याम सिंह,लल्लन गुप्ता,मुन्ना सिंह,अशोक गुप्ता, राजू गुप्ता, मोहन साहू,प्रदीप सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।संचालन भोला प्रसाद आग्नेय ने किया।